भारतीय के लिए भारतीय के लिए
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...
ज़िंदगी के कुछ लम्हों, पर धूल-सी जमी थी... ज़िंदगी के कुछ लम्हों, पर धूल-सी जमी थी...
भूल पाता नहीं अब तो आपका मुड़कर मुझे देखना। भूल पाता नहीं अब तो आपका मुड़कर मुझे देखना।
जज्बात समेटते रह गए खामोशी भेद सारा बोल पड़ी। जज्बात समेटते रह गए खामोशी भेद सारा बोल पड़ी।
साथ अपने मौत का फरमान लिए चलते हैं कहते हैं इन्हें देश के वीर जवान। साथ अपने मौत का फरमान लिए चलते हैं कहते हैं इन्हें देश के वीर जवान।